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शैक्षिक और मीडिया जगत की आवश्यकताओं के बीच की खाई को पाटने के लिए कार्यशाला का आयोजन: विभागाध्यक्ष
जम्मू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा पोस्ट-प्रोडक्शन तकनीकों पर आयोजित तीन दिवसीय पर कार्यशाला का आज सफलतापूर्वक समापन हो गया। इस दौरान छात्रों को वीडियो-संपादन, सामग्री परिष्करण, साउंड डिज़ाइन और दृश्य कथा सहित पोस्ट-प्रोडक्शन के विभिन्न पक्षों में व्यापक व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
अंतिम दिन के पहले सत्र की शुरुआत सूर्योदय से पहले हुई, जिसमें प्रख्यात सिनेमैटोग्राफर बृजेश मिश्रा ने छात्रों को प्रातःकालीन फोटोग्राफी और सामग्री निर्माण तकनीकों से अवगत कराया।
बाद के सत्रों में छात्रों को विजुअल इफेक्ट्स, ऑडियो एन्हांसमेंट और मल्टी-प्लेटफॉर्म सामग्री अनुकूलन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया, जिससे छात्र मीडिया प्रोडक्शन में तकनीकी विशेषज्ञता के महत्व को समझ सकें और उसका अनुप्रयोग जानें।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि, दैनिक स्टेट समाचार के प्रबंध निदेशक शमशेर सिंह चरक ने निरंतर विकसित हो रहे डिजिटल मीडिया परिदृश्य में पोस्ट-प्रोडक्शन कौशल की आवश्यकताओं पर जोर दिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि इस प्रकार के अनुभवात्मक प्रशिक्षण छात्रों के व्यवसायिक कौशल को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये मुख्य अतिथि ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और जन विमर्श को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस प्रकार की कार्यशालाओं के माध्यम से अनुभवात्मक शिक्षण न केवल छात्रों को प्रतिस्पर्धात्मक बाजार के लिए तैयार करता है, बल्कि पत्रकारिता और मीडिया प्रोडक्शन के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण कार्य भी सुनिश्चित करता है।
इससे पूर्व, मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुये पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. गरिमा गुप्ता ने विशेषज्ञों और प्रतिभागियों की उल्लासपूर्ण भागीदारी के लिये सराहना की।
प्रो. गरिमा गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला की रुपरेखा शैक्षिक और मीडिया जगत की आवश्यकताओं के बीच की खाई को पाटने के उद्देश्य से बनायी गयी थी। उन्होंने कहा और यह भी जोड़ा कि कुलपति प्रो. उमेश राय ने पत्रकारिता जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में कौशल प्रशिक्षण पर बल देकर इस कार्यशाला के लिए प्रेरणा दी।
प्रशिक्षण के दौरान छात्रों ने फीडबैक में कहा कि इस कार्यशाला ने उन्हें उद्योग विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष संपर्क द्वारा सीखने का अवसर प्रदान किया, जिससे उनकी तकनीकी उपकरणों की समझ और दक्षता में वृद्धि हुयी।
मंच का संचालन सुश्री कुमेरजीत छजगोत्रा द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. दुष्यंत कुमार राय ने दिया। प्रो. दुष्यंत राय ने यह आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया गया व्यावहारिक प्रशिक्षण छात्रों को मीडिया उद्योग में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्राप्त करना में सहायक होगा।
इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक डॉ. प्रदीप सिंह बाली और डॉ. रमियां भारद्वाज भी उपस्थित थीं।
यह उल्लेखनीय है कि कार्यशाला का आरंभ सोमवार 3 मार्च को हुआ था। जिसमें उद्घाटन भाषण प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी, डीन, स्कूल ऑफ मीडिया, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा दिया गया। उन्होंने मीडिया बाजार में पोस्ट-प्रोडक्शन तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डाला। उद्घाटन समारोह में डॉ. अजय गुप्ता, पूर्व निदेशक, आईसीएसएसआर और डॉ. सचिन भारती, एसोसिएट प्रोफेसर, पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय भी उपस्थित थे।