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Cradled in the lap of mountains at the foothills of auspicious Trikuta, besides the river Tawi at an altitude of 1030 ft. is Jammu. This 'city of temples' has many places...
हिंदी भाषा समृद्ध साहित्य के साथ-साथ व्यापक क्षेत्र में प्रयुक्त संप्रेषण का माध्यम भी है क्योंकि हिंदी पूरे विश्व में बोली और समझी जाती है। यह भारत में सांस्कृतिक विभिन्नताओं में एकता का प्रतीक तो है, साथ ही विभिन्न भाषा-भाषियों तथा संस्कृतियों के बीच एक सेतु का महत्वपूर्ण कार्य भी करती है। भारत जैसे विविधता वाले देश में सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से हिन्दी का अहम् स्थान है। यह न केवल देश की राजभाषा है बल्कि सम्पर्क भाषा होने के साथ-साथ हमारे विचारों और संस्कारों की संवाहक भाषा भी है। हिन्दी भाषा की इन्हीं विशेषताओं के परिप्रेक्ष्य में जम्मू विश्वविद्यालय में हिंदी निदेशालय का शुभारंभ हुआ। हिन्दी भाषा एवं साहित्य का प्रचार एवं विकास करना तथा इसे जन-जन की अभिव्यक्ति का माध्यम बनाना हिंदी निदेशालय का मुख्य उद्देश्य रहेगा । शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हिन्दी भाषा को लेकर प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी स्तरों पर सुधार किया जाएगा । समय-समय पर हिंदी शिक्षकों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सम्बन्धी कार्यक्रमों का आयोजन करने का प्रयास रहेगा। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना, जैसे हिंदी भाषा सॉफ्टवेयर, टंकन, ऐप्स और ऑनलाइन पाठ्यक्रम को विकसित कर हिन्दी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जाएगा । हिन्दी से जुड़ी संस्थाओं और आउटरीच कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से हिंदी भाषा और साहित्य को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी का विकास करने के लिए हिंदी निदेशालय प्रयासरत रहेगा ।
किसी भी भाषा के प्रचार-प्रसार में अनुवाद की विशेष भूमिका रहती है । हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में भी अनुवाद का विशेष योगदान रहा है । इस सन्दर्भ में हिंदी निदेशालय विभिन्न प्रकार के दस्तावेज़ों जैसे ब्रोशर आवेदन पत्र, परिपत्र, आदेशों, प्रेस विज्ञप्ति, प्रतिवेदन, संविधियों आदि का हिंदी में अनुवाद कर हिन्दी के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा ।