दृष्टिकोण

दृष्टिकोण 1. हिंदी भाषा का मानकीकरण और विकास: • व्याकरण और शब्दावली का शुद्धीकरण: हिंदी भाषा की शुद्धता और एकरूपता बनाए रखने के लिए व्याकरण और शब्दावली के नियमों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना। • नई शब्दावली का विकास: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और अन्य क्षेत्रों में नई शब्दावली का विकास करना और उसे मानकीकृत करना। • हिंदी साहित्य का प्रोत्साहन: हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए लेखकों, कवियों और अनुवादकों को प्रोत्साहित करना। 2. हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार: • शिक्षा में हिंदी: स्कूलों और विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा के शिक्षण को बढ़ावा देना। • सरकारी कार्यालयों में हिंदी: सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना। • मीडिया में हिंदी: समाचार पत्रों, टेलीविजन और रेडियो में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना। • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा को प्रचारित करना और हिंदी भाषा के शिक्षण को बढ़ावा देना। 3. हिंदी तकनीक का विकास: • हिंदी कंप्यूटिंग: हिंदी कंप्यूटिंग को बढ़ावा देना और हिंदी भाषा में सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन विकसित करना। • हिंदी ऑनलाइन संसाधन: हिंदी भाषा के ऑनलाइन संसाधन जैसे कि शब्दकोश, व्याकरण पुस्तकें और हिंदी भाषा सीखने के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम विकसित करना। 4. हिंदी भाषा और संस्कृति का संरक्षण: • हिंदी साहित्य और संस्कृति का संरक्षण: हिंदी साहित्य और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए पुस्तकालयों और संग्रहालयों का निर्माण करना। • हिंदी भाषा के विलुप्त हो रहे रूपों का संरक्षण: हिंदी भाषा के विलुप्त हो रहे रूपों जैसे कि बोली और उपभाषाओं को संरक्षित करना। 5. अन्य भाषाओं के साथ हिंदी का समन्वय: • अन्य भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी का समन्वय: अन्य भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी भाषा का समन्वय स्थापित करना। • विदेशी भाषाओं के साथ हिंदी का समन्वय: विदेशी भाषाओं के साथ हिंदी भाषा का समन्वय स्थापित करना। • डिजिटल हिंदी: डिजिटल मीडिया के माध्यम से हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करना। • युवाओं को आकर्षित करना: युवाओं को हिंदी भाषा की ओर आकर्षित करने के लिए नए और रचनात्मक तरीके अपनाना। • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा के विकास के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करना।